ॐ नमः शिवाय॥ सावन सोमवार
सावन भगवान शिव के साथ-साथ उनके भक्तों के लिए भी विशेष प्रिय माह होता है। इस बार सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को है। मान्यता है कि इस महीने भगवान विष्णु पाताल लोक में रहते हैं इसलिए भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। सावन सोमवार कितनी तारीख को  सावन का पहला सोमवार 06 जुलाई 2020 सावन का दूसरा सोमवा…
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गुरु पूर्णिमा जाने गुरु की महिमा
गुरु पूर्णिमा : गुरु से मिला मंत्र ही देता है पूर्णता गुरु पूर्णिमा : जानें गुरु की महिमा... गुरु पूर्णिमा आत्म-बोध की प्रेरणा का शुभ त्योहार गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वराः। गुरुसाक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः।।  हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा आषाढ़ शुक्ल पूर्णिम…
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नागकुआँ मन्दिर बनारस
नागकुआँ मन्दिर बनारस वाराणसी के इस पोखरे (तालाब) के अन्दर एक कुआँ है और उस कुएँ के अन्दर है बहुत ही प्राचीन शिवलिंग। साल में बस नागपंचमी के दिन ही यहा पर शिवलिंग के दर्शन मिलते हैं। शिव की इस नगरी से जाता है नाग लोक का रास्ता, तस्वीर देखकर रह जायेंगे दंग... वाराणसी शिव की इस नगरी से ही नागलोक जाने…
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4 जुलाई से जैन श्रमण संघ का वर्षायोग चातुर्मास
4 जुलाई से जैन श्रमण संघ का वर्षायोग चातुर्मास  डॉ. महेन्द्रकुमार जैन मनुज, इन्दौर  भारत में विभिन्न धर्मों के संत महात्माओं की अपनी-अपनी मान्यताओं और धार्मिक विधानों के अनुसार साधना पद्धतियां, अनुष्ठान और निष्ठाएं परिपक्व हुई हैं। इन पद्धतियों में चातुर्मास की परम्परा बड़ी महत्वपूर्ण है। वैदिक परम…
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माँ कामाख्या इक्यावन शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान
इक्यावन शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान माँ कामाख्या कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या में है। कामाख्या से भी 10 किलोमीटर दूर नीलाचल पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है। इसका तांत्रिक महत्व है। प्राचीन…
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महामृत्युंजय मंत्र पूजा
महामृत्युंजय मंत्र पूजा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाने से मृत्यु, भय, रोग, शोक और अन्य दोष का प्रभाव कम होता है खुशहाल एवं सफल जीवन के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।। शिव शंकर की उपासना में महाम…
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मुझे बाँधना तो आता है, छोड़ना नहीं आता।
मुझे बाँधना तो आता है, छोड़ना नहीं आता। एक बार की बात है, एक गोपी के घर कन्हैया माखन खाते पकड़ा गया। गोपी ने आव देखा ना ताव, झट कन्हैया का हाथ पकड़कर, कलाई मरोड़ दी। कन्हैया ने कराहते हुए कहा-अरी! मैं भागता थोड़े हूँ, जो बाँह मरोड़ती है गोपी- चोर! मैं तुझे जानती हूँ, तूं भाग जाएगा। आज मैं तुझे नह…
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एक के जीवन का असली योद्धा है-"माँ ,अघोरी भैरव गौरव गुरूजी माँ कामाख्या धाम असम गुवाहाटी
मेरे साथ लड़ती है वो हर जंग मेरी.... मां कृष्ण है मेरी_हर_महाभारत_की...!! एक के जीवन का असली योद्धा है-"माँ".....जो आपको जन्म देता है। और आपके जीवन की हर लड़ाई में आपके साथ खड़ा है। वह आपको हर बार प्यार करती है.... वह आपको प्यार करती है...... वह आप के लिए झगड़े...... वह आपके लिए एक ढाल के…
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भक्त प्रहलाद
भक्त प्रहलाद भक्त प्रहलाद का जन्म दैत्यराज हिरण्यकश्यप व माता कयाधू के उदर से हआ। अपने पिता के चौथे और सबसे छोटे पुत्र थे। पाँच वर्ष की अवस्था में इनको पढ़ने के लिए पाठशाला में भेज दिया गया। जहाँ गुरु शुक्राचार्य के पुत्र सण्डा व मर्क सभी बच्चों को पढाते थे। प्रह्लाद के गुरु द्वारा यह समझाने पर क…
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नृसिंह भगवान और प्रिय भक्त प्रहलाद
नृसिंह भगवान और प्रिय भक्त प्रहलाद जब हिरण्याक्ष का वध हुआ तो उसका भाई हिरण्यकशिपु बहुत दुःखी हुआ। वह भगवान का घोर विरोधी बन गया। उसने अजेय बनने की भावना से कठोर तप किया। तप का फल उसे देवता, मनुष्य या पशु आदि से न मरने के वरदान के रूप में मिला। वरदान पाकर तो वह मानो अजेय हो गया। हिरण्यकशिपु का शास…
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माँ बगलामुखी अवतरण दिवस के दिन शत्रुनाशिनी बगलामुखी माता का विशेष पूजन किया जाता है ।
वैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस बगलामुखी माता का विशेष पूजन किया जाता है ।और रातभर भगवती जागरण होता है। वैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस कहा जाता है। जिस कारण इसे मां बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष 2020 में यह जयन्ती 1 मई, को मनाई जाएगी. इस दिन व…
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आज जानकी नवमी ,सीता नवमी
जानकी सीता नवमी मिथिला के जनकवंशी राजा शीरध्वज बड़े धर्मात्मा थे। एक बार यज्ञ के लिये स्वर्ण हल से भूमि जोत रहे थे, तभी हल के अग्रभाग के नीचे से एक कन्या निकली। हल के फाल यानी सीत से निकलने के कारण सीता और जनक की पुत्री होने के कारण वह जानकी कहलायी। शक्ति स्वरूपा कन्या बड़ी हुई तो विवाह के लिए बड़…
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गंगाजी
सूर्यवंश के प्रतापी सम्राट- अयोध्या नरेश राजा सगर को महर्षि भृगु के आशीर्वाद से विदर्भराजकुमारी केशिनी से असमंज और गरुडजी की बहिन सुमति से साठ हजार पुत्र पैदा हुए। सभी पुत्र अतुल बलशाली थे। राजासगर के अश्वमेध यज्ञ के श्यामकर्ण घोडे को इन्द्र ने राक्षसरूप धारण कर चुरा लिया और रसातल में तपस्यारत कपिल…
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हनुमान जयंती के शुभ अवसर, "श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" का अधिकारिक "प्रतीक चिन्ह" जारी किया है 
अयोध्या : श्री रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट "श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" का अधिकारिक "प्रतीक चिन्ह" हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर जारी कर दिया गया है। चिन्ह में श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी भी विराजित है। प्रतीक चिन्ह में वाल्मीकि रामायण से "रा…
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भारत के बारे में रोचक तथ्य
भारत के बारे में रोचक तथ्य > भारत ने अपने आखिरी 100000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है। > जब कई संस्कृतियों में 5000 साल पहले घुमंतू वनवासी थे, तब भारतीयों ने सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।                                             …
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भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त श्रीहनुमान्जी
हनुमानजी भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त श्रीहनुमान्जी का जन्म, कर्म और नाम संसार के सभी अमंगलों का नाश करने वाला है। एक समय पुंजिकस्थला नाम की अप्सरा श्राप के कारण वानरराज कुंजर की पुत्री अंजना के रूप में भूतल पर अवतीर्ण हुई जो इच्छानुसार रूप धारण करने वाली अत्यन्त सुन्दर थी। वह वानरराज केसरी की पत्न…
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नवधा भक्ति : राम और लक्ष्मण के प्रति शबरी के आतिथ्य
नवधा भक्ति : राम और लक्ष्मण के प्रति शबरी के आतिथ्य प्राचीन शास्त्रों में भक्ति के 9 प्रकार बताए गए हैं जिसे नवधा भक्ति कहते हैं। श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरण पादसेवनम। अर्चनं वन्दनं दास्य सख्यमात्मनिवेदनम् ॥  श्रवण (परीक्षित), कीर्तन (शुकदेव), स्मरण (प्रह्लाद), पादसेवन (लक्ष्मी), अर्चन (पृथुराजा),…
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चार प्रकार के भक्त जानिए आप किस प्रकार के हैं
चार प्रकार के भक्त जानिए आप किस प्रकार के है   संध्यावंदन, योग, ध्यान, तंत्र, ज्ञान, कर्म के अलावा भक्ति भी मुक्ति का एक मार्ग है। भक्ति भी कई प्रकार ही होती है। इसमें श्रवण,भजनकीर्तन, नाम जप-स्मरण, मंत्र जप, पाद सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य, पूजा-आरती, प्रार्थना, सत्संग आदि शामिल हैं। इसे नवधा भ…
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