दशहरे के मौके पर संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले उन्होंने कहाअनुच्छेद 370 को हटाने के लिएमोदी और शाह की प्रशंसा करनी चाहिए
संघ प्रमुख भागवत बोले- अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए मोदी और शाह की प्रशंसा होनी चाहिए
RSS Path Sanchalan March स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाकर मोदी सरकार ने साबित किया की वो कठोर निर्णय लेने की क्षमता रखती है। ...
नागपुर, एएनआइ। RSS Path Sanchalan March, दशहरा के मौके पर, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार, 8 अक्टूबर को महाराष्ट्र के नागपुर में 'आरएसएस-पथ संचलन मार्च' में शामिल हुए। भागवत आज इस अवसर पर शस्त्र पूजन के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर मोदी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे लोगों की उम्मीदों को पूरा करने और देश के हित में लोगों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करने का साहस है। इससे साबित हो गया कि सरकार कठोर निर्णय लेने की क्षमता रखती है। अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए मोदी और शाह प्रशंसा होनी चाहिए।
उन्होंने लिंचिंग को लेकर कहा कि लिंचिंग के रूप में सामाजिक हिंसा की कुछ घटनाओं को ब्रांड करना वास्तव में हमारे देश, हिंदू समाज को बदनाम करने और कुछ समुदायों के बीच भय पैदा करने के लिए है। संघ का नाम इन घटनाओं से जोड़ा गया, जबकि ऐसी घटनाओं से स्वयंसेवकों का कोई संबंध नहीं होता। वे इन घटनाओं को रोकने की कोशिश करते हैं। पर इस सबको तरह-तरह से पेश करके उसे झगड़ा बनाने का काम चल रहा है। एक षड्यंत्र चल रहा है, ये सबको समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के अलावा इतनी विविधताओं के बाद भी इतने शांति से लोगों के रहने का उदाहरण कहीं और देखने को नहीं मिलता।
लिंचिंग भारतीयों पर न थोपें
लिंचिंग शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं है। ऐसे शब्दों को भारतीयों पर न थोपें। भागवत ने कहा कि लिंचिंग खुद पश्चिमी निर्माण है, किसी को इसे भारतीय संदर्भ में देश को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा हमें सद्भाव बनाने की जरूरत है, हर किसी को कानून के दायरे में रहना चाहिए। स्वयंसेवकों को यही संस्कार दिया जाता है।
कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते भारत की मजबूती
अच्छी अर्थ नीतियां और सरकार के लोगों के बयानों का स्वार्थी लोगों द्वारा गलत चीजों का लाभ उठाने के लिए दुरुपयोग किया जाता है। ये लोग नहीं चाहते कि भारत मजबूत और जीवंत हो। हमें इनकी पहचान करने में सतर्क रहना चाहिए और उन्हें बौद्धिक, सामाजिक स्तरों पर काउंटर करना चाहिए।
पुलिस और न्यायिक प्रणाली में विश्वास कायम रखें
भागवत ने कहा 'समाज को संविधान की सीमाओं के भीतर रहकर कोई कार्य करना चाहिए। कितना भी बड़ा मतभेद हो या उत्तेजक घटना हुई हो। समाज को संविधान की सीमाओं के भीतर रहकर कार्य करना चाहिए, देश की पुलिस और न्यायिक प्रणाली में विश्वास कायम रखना चाहिए।
संवाद और सहयोग बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद और सहयोग बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। आज के संदर्भ में, समाज के सभी वर्गों के बीच सद्भाव, सद्भाव और सहयोग के लिए काम करना सबसे महत्वपूर्ण है। संघ के स्वयंसेवक इस प्रकार के संवाद और सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
देश-दुनिया के राजनेताओं की नजर
यह कार्यक्रम संघ मुख्यालय रेशम बाग मैदान में हुआ। आज संघ की स्थापना के 94 वर्ष पूरे हो गए। विजयादशमी पर संघ प्रमुख के संबोधन का स्वयंसेवकों के साथ-साथ समाज, देश-दुनिया के राजनेताओं की भी नजर टिकी होती है। इस संबोधन में अगले एक वर्ष के कामकाज की रूपरेखा और विजन का खाका तैयार होता है।
शिव नादर हैं मुख्य अतिथि
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एचसीएल के अध्यक्ष व संस्थापक शिव नादर शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी मौजूद रहे।