मध्य प्रदेश उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर का पूजन का समय ,जल घड़ी बताती थी विशेषज्ञ करते थे समय की गणना

मध्य प्रदेश उज्जैन में जल घड़ी बताती थी महाकाल के पूजन का समय विशेषज्ञ करते थे समय की गणना


प्रसिद्ध ज्योतिविद पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया महाशिवरात्रि पर महाकाल की चार प्रहर की पूजा होती है 50 साल पहले तक मंदिर में जल कड़ी का उपयोग किया जाता था ।


महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर की परम्परा जितनी पुरातन हैं उनके निर्वहन  का इतिहास भी उतना ही पुराना है । करीब आधी शताब्दी पूर्व महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल के चार पहर की पूजा का समय जल घड़ी के अनुसार तय होता था । प्रसिद्ध ज्योतिष ज्योतिविद पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल के चार पहर की पूजा होती है ।50 साल पहले तक मंदिर में जल गाड़ी का उपयोग ,किया जाता था विशेषज्ञ जल घड़ी से समय की गणना करते थे तथा घंटा बजा कर इसकी सूचना देते थे ।


जल घड़ी बताती थी महाकाल के पूजन का समय


पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार 24 मिनट की एक खड़ी होती है ।ढाई घटी का एक घंटा तथा 60घटी का दिन रात होता है ।इस गणना के आधार पर एक घंटा पूरा होने पर घंटा बजाया जाता था ।पुजारी इसके अनुसार माहा अभिषेक पूजन का क्रम निर्धारित करते थे । जल घडी़ निर्माण की अपनी विशिष्ट कला होती थी । इसके लिए एक बड़े जल पात्र में पानी भरा जाता था ।



जिसके नीचे छीद्र  होता था ।छीद्र के माध्यम से पानी जब जब कटोरे में भरने लगता था उसी के अनुसार समय की गणना होती थी ।