शरीर को खींचनें व मजबूत बनाने वाले मुख्य 10 योग व्यायाम 1.त्रिकोणासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशियों और हड़ियों) के लाभ यह हिप हिंज मूवमेंट पैटर्न को विकसित तथा गहरा करने में मदद करता है। इस आसन के अभ्यास से रीढ की हड्डी में लचीलापन आता है, कंधों के मध्य संतुलन ठीक होता है, पीठ के दर्द से आराम मिलता है, पेट फूलना ठीक होता है, पैल्विक अंगों की मालिश होती है तथा सुदृढ़ बनते हैं। आसीन जीवन शैली और गलत उठने बैठने के ढंग में सुधार आता है, गर्दन की अकड़न को कम करता है, टखनों को मजबूत करता है।कंधे और, घुटनों तथा, बाहों और पैरों के जोड़ों को सुदृण करता है। यह आसन तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है जिससे मानसिक अवसाद दूर होता है। पैल्विक क्षेत्र तथा प्रजनन तंत्र मजबूत होता है । 2. उत्तहिता पार्सवाकोणासन ......___ हिप फ्लैक्शन और बाहरी गतिशीलता बढ़ जाती है। साइड योगा (योग) स्टेरच से बाहरी पीठ की मजबूती बढ़ती है तथा पीठ के दर्द में आराम मिलता है। यह पीठ की तथा रीड की हड्डी की बहुत सी समस्याओं का निदान करता है। यहां तक कि स्पाइनल डिस्क के विस्थापन को भी ठीक करने में सहायता करता है। अर्थराइटिस और निचली पीठ के दर्द डोरसल स्पाइन और कंधे, लूमबैग और साइटिका के दर्द में भी आराम देता है। यह छाती तथा टांगों की मजबूती बढ़ाता है। दमा के रोग को दूर करने के लिए इसको अपनी दिनचर्या में शामिल करें। कमजोर टखनों तथा कमजोर या टेढी टांगों को भी सुदृढ करता है। यह सख्त हैमस्ट्रिंग, घुटनों तथा सपाट पैरों की समस्या भी ठीक करता है। 3. अधोमुख शवासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड़ियों) के लाभ यह रीड की हड्डी को विघटित करने के साथ-साथ पूरे सतही परत को जोड़ता है और मजबूत करता है। यह टखनों की गतिशीलता में फायदा करता है और स्नायुजाल को ठीक रखता है। इस आसन से कंधे, टांगे, रीढ़ की हड्डी तथा पूरे शरीर में खिंचाव आता है। यह पूरे शरीर को सुदण करता है। खासतौर से बाहे, टांगे और पैर। यह थकान दूर करता है, शरीर को तरोताजा करता है और मन को शांत करता है। 4. पारसवात्तोनासन __ प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ परे शरीर को ठीक तथा संतलित करता है- आंतरिक और बाहरी तौर पर। इस आसन से कूल्हे, हैमस्ट्रिंग, कंधे, रीढ़ की हड़ी और कलाइयां मजबूत होती हैं।इसके अतिरिक्त संतुलन और एकाग्रता बढ़ती है विरभदासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ वक्षीय विस्तार के साथ कंधों और कूल्हों को मोड़ना। इस आसन से पैरों और घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस से कंधे, बाँहे और पीठ भी मजबूत बनती है। इसके अतिरिक्त संतुलन और एकाग्रता बढ़ती है 6.गोमखासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभकल्हों की मांसपेशियों को खींचता है। यह मुद्रा एक अद्भुत उपकरण है तेज गति से हिप हिजिंग मूवमेंट के बाद विश्राम में लाने के लिए।इससे लैटिसिमस डोरसी विस्तारित होती है तथा छाती खुलती है। 7. नटराजासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ तंत्रिका तंत्र के केंद्र में शांति रखते हुए गहरे वक्षीय बदलाव से तंत्रिका तंत्र के केंद्र में शांतिइस आसन से पीठ और कल्हों की अकडन दर होती हैपेट सपाट होता है तथा पाचन तंत्र अच्छा होता है। इससे पेट के निचले भाग को विश्राम मिलता है तथा उसकी मालिश होती है। 8. एकपदा राजा कपोतासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभगहरे स्तर पर कल्हों के व्यायाम की सुविधा देता है। यह मुद्रा पीठ के निचले स्तर के दर्द में राहत देती है। यह ऊसंधि, पीठ तथा कूल्हों की हड्डियों में लचीलापन लाती है 9.परिवरत्ता अजनेयासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल(मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ क्वाडिरीसटस को लंबा करता है तथा घुटने के बल आने में सहायता करता है। इससे वक्षीय बदलाव होता है, क्वाड्रिसस और ग्लूटेस मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा जंघाओं और कूल्हों में ताकत आती हैं 10. उत्कटासन प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ- रीढ की हड्डी, कूल्हों और छाती की मांसपेशियों का व्यायाम होता हैइस आसन से जंघा, टखने, टांगे और घुटनों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। खासतौर से यह मुद्राएं आपके (हैमस्ट्रिंग) पैर की माँसपेशियों को गतिशील करती हैं। आपके केशेरुकाओं को विघटित करता है। सख्त आईटी बैंड के कारण हुई जलन को कम करता है तथा कूल्हों की हड्डियों में गतिशीलता बढ़ाता है। खडे और बैठने की क्षमता को बढाता है, थोसेसिस विकसन में मदद करता है। पीठ के नीचे दर्द को कम करता है जिससे अधिक आराम मिल जाता है।
शरीर को खींचनें व मजबूत बनाने वाले मुख्य 10 योग व्यायाम