दादा बन जाओ, तो दादागीरी करना बंद कर दो। व्यापार में फोन, भोजन में मीन और मंत्रों में ओम का बड़ा महत्व है। नदी में नाव का, शरीर में पांव का और पूजा में भाव का, संगीत में राम का. फूलों में पराग का, जैन धर्म में त्याग का बड़ा महत्व है। समाज में मंडल का (युवा, महिला मंडल आदि), मुनियों में कमंडल का और मंदिर में भावमंडल का, हाथ में कलाई का, दध में मलाई का और सज्जनों में भलाई का बड़ा महत्व है। फूल में कली, गांव में गली और तपस्या में बाहुबली का बड़ा महत्व है। गरीब आदमी शकर के लिए कंट्रोल की कतार में लगा रहता है और अमीर शकर कंट्रोल में करने के लिए डॉक्टर की कतार में खड़ा रहता है। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और । संन्यास आश्रम के साथ एक नया आश्रम और आ गया है, वृद्धाश्रम। यह भारत और यहां के युवाओं के लिए शर्म का विषय है। साइकिल के पैडल जिस तरह अपडाऊन करते हैं, ठीक उसी तरह जीवन में सुख-दुःख अप-डाउन होते हैं। व्यक्ति को पैडल मारते जाना चाहिए, ताकि जीवन की गति चलती संसार में तीन तरह के लोग होते हैं। भक्त, विभक्त और कमबख्ता जो भगवान से सटा हुआ है, वह भक्ता जो संसार में बंटा हआ है, वह विभक्त और जो न इधर का-न उधर का, वह कमबख्त है। भगवान से की जाने वाली प्रार्थना आप खुद बनाइए। बनी बनाई प्रार्थनाओं में सज नहीं लगता। प्रार्थना दोहराने से बित नहीं लगता। अपने हाथ से रोटी बनाकर खाने में जो स्वाद आता है. वो खुद की गढ़ी प्रार्थना में आता है। जिंदगी में उपलब्धियों, बड़ा पद- . प्रतिष्ठा मिलने का उत्सव जरूर मनाना, लेकिन इसका अहंकार मत करना, क्योंकि जो कुछ मिलता है, वह हमेशा के लिए कभी नहीं और किसी को नहीं मिलता है। बाप वकील है तो बैर मत बढ़ाओ। बाप डॉक्टर है तो जहर मत खाओ। सत्य को मत भूलो, भगवान को मत भूलो। पैदा होने वाले का विवाह हो या न हो, वह पढ़े या न पढ़े, वह पैसे वाला बने या न बने, लेकिन उसका मरना निश्चित है। यही सत्य है। ऐसे मंदिर बनाएं जहां पर एक तरफ प्रार्थना तो दूसरी तरफ जीवन निर्माण का काम हो। अगर अंबानी बंधु देशभर में पेट्रोल पंप की जगह उच्चस्तरीय कॉलेज खोलते तो दुनिया माथे पर बैठा लेती। याद रखो'हटकर किया और हटकर दिया, हमेशा याद रखा जाता है।' अपने को बदलना मुश्किल जरूर है लेकिन ना-मुमकिन नहीं। हर आदमी में खराबी और खासियत दोनों होती है। गरीब से गरीब आदमी की झोपड़ी में भी एक दरवाजा जरूर होता है। ठीक उसी प्रकार पापी से पापी आदमी में एक न एक सद्गुण जरूर रहता है। घड़ी समय देखने घड़ी समय देखने के लिए नहीं है, समय पर चलने के लिए है। पहले इतनी सोना-उठना-बैठना सारा काम समय पर होता था। अब हर चीज में घड़ी है। टीवी में, मोबाइल में, हाथ में घडी लेकिन फिर भी संकट की घडी बाल काला करने से बुढ़ापा तो छुपा सकते हो, उससे बच नहीं सकतेदशरथ ने देखा कि कान के पास का एक बाल सफेद हो गया। वे वैराग्य पर चले गए। आजकल तो पूरे बाल सफेद होने के बाद भी....! भोजन के आखिर में चावल परोसे जाते हैं। यह सफेद होते हैं, मतलब चावल खाओ और हाथ धोओ। अब न रसगुल्ला आना है और न मावाबाटी। समझदार को इशारा काफी, भले ही बीच में चावल आ जाए। ठीक उसी तरह थालीनुमा खोपड़ी पर जब सफेद बाल आ जाएं तो जिम्मेदारी बहू-बेटे को सौंप दो, पर घर मत छोड़ो। दादा बन जाओ, तो दादागीरी करना बंद कर दो।
मुनि तरुण सागर जी के कड़वे प्रवचन दादा बन जाओ तो दादागिरी करना बंद कर दो