मध्य प्रदेश / भोपाल मध्य प्रदेश की कमल नाथ सरकार ने युवाओं के लिए बंपर भर्ती निकालने की तैयारी कर ली है खाली पदों को भरेगी कमल नाथ सरकार
प्रदेश में होगी बम्पर भर्ती, खाली पदों को भरेगी सरकार
भोपाल। प्रदेश में रोजगार पर फोकस करने वाली कमलनाथ सरकार ने युवाओं के लिए बम्पर भर्ती निकालने की तैयारी कर ली है। सरकारी विभागों में स्थाई से लेकर संविदा पदों तक करीब एक लाख भर्तियां कमलनाथ सरकार निकालेगी। इसमें स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा, महिला बाल विकास, सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य, पुलिस सहित एक दर्जन से ज्यादा विभाग शामिल हैं। इनके सहित अन्य विभागों में विभिन्न स्तर पर खाली पदों को भरने को लेकर मशक्कत शुरू हो चुकी है।
जल्द भरने के निर्देश दिए
दरअसल, सीएम कमलनाथ ने सरकारी विभागों के खाली पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभागों के स्तर पर खाली पदों की स्क्रूटनी से लेकर भर्ती विज्ञापन के लिए निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने की मशक्कत चल रही है। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के स्तर पर भी पूरा काम होना है।
एमपीपीएससी के जरिए भर्ती की जानी है
पिछली पात्रता परीक्षाओं के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग अगले महीने तक भर्ती शुरू करेगा। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग में भी खाली पदों पर भर्ती होना है। विभाग अपने-अपने स्तर पर खाली पदों का डाटा तैयार करने में जुट गए हैं। इनमें व्यापमं और एमपीपीएससी के जरिए भर्ती की जानी है।
भर्ती निकाली जानी है
व्यापमं को तृतीय व चतुर्थ वर्ग के पद भेजे जाने हैं, जबकि एमपीपीएससी को द्वितीय श्रेणी के पदों की भर्ती के प्रस्ताव दिए जाने हैं। इनमें कुछ विभाग पहले ही प्रस्ताव भेज चुके हैं, जिन पर भर्ती निकाली जानी है।
संविदा वालों को मौका
संविदा वालों को वापस खाली पदों पर रखने के लिए भी विभागों में प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए सीएम कमलनाथ के निर्देश पर कॉमन-गाइडलाइन बनना है। फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा विभागों ने अपने यहां के पदों का चार्ट तैयार करके भर्ती प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसमें संविदा वालों को विशेष अंक देकर प्राथमिकता देने का प्रस्ताव है। इसके लिए पूरी गाइडलाइन तैयार हो रही है।
बैकलॉग और दिव्यांग आरक्षण अलग
सरकारी विभागों में बैकलॉग और दिव्यांग आरक्षण को लेकर अलग तैयारी होना है। विभागों में बैकलॉग के पद प्राथमिकता से भरे जाने हैं। वही जीएडी ने 6 फीसदी दिव्यांग आरक्षण को लेकर भी नियमों का पालन करने के लिए कहा है। अभी अधिकतर विभागों ने इसका पालन नहीं किया है।
राजनीतिक एजेंडा भी बड़ा
कमलनाथ सरकार की मंशा है कि रोजगार के मामले में ऐसा स्कोर-बोर्ड तैयार किया जाए कि चार साल बाद सरकार उसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में गिना सके। पांचवें साल सरकार जब विधानसभा चुनाव में उतरेगी, तो रोजगार को बड़ा मुद्दा बनाएगी।
फायदा भी उठाने की कोशिश रहेगी
सीएम की मंशा के अनुरूप इसमें पूरे कार्यकाल में दिए गए रोजगार को लेकर पूरा हिसाब जोड़ा जाएगा, ताकि इसे बड़ी उपलब्धि माना जाए। इसका बड़ा राजनीतिक फायदा भी उठाने की कोशिश रहेगी।