भोपाल में भी मिलाया जा रहा है दूध में डिटर्जेंट! भोपाल की राजसंस डेयरी के दूध में डिटर्जेंट मिले हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मिलावटखोरों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में फिर दूध (Milk) में डिटर्जेंट मिले होने का खुलासा हुआ है. राजधानी भोपाल (Bhopal) की राजसंस डेयरी में दूध में डिटर्जेंट मिलाया जा रहा था. राज्य खाद्य परीक्षण की लेबॉरेटरी में भेजे गए सैंपल की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. खाद्य विभाग की शिकायत पर पुलिस ने कारोबारी ईश अरोरा पर एफआईआर दर्ज की है. राजसंस डेयरी के दूध में इस कदर मिलावट थी कि इसे असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है. मध्य प्रदेश में मिलावट का महाखेल चल रहा है, राजधानी भोपाल भी इसकी चपेट में है, शासन-प्रशासन की नाक के नीचे मिलावटखोर बेखीफ सक्रिय हैं, खाद्य विभाग की टीम ने 25 जुलाई को जेके रोड स्थित राजसंस डेयरी प्रोडक्ट से दूध का नमूना लिया था एक महीने के बाद जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जांच रिपोर्ट के आधार पर अशोका गार्डन थाना पुलिस ने राजसंस डेरी प्रोडक्ट के मालिक ईश अरोड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जांच में दूध में डिटर्जेंट मिले होने की पुष्टि हुई है, लिहाजा इसे असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है. 10 में 9 नमूने जांच में फेल राज्य खाद्य परीक्षण की लेबरिटरी में जिन सेंपल्स की जांच की गई उनमें से 10 नमूनों की रिपोर्ट जारी हुई है. इनमें से एक नमूना असुरक्षित, 8 मानक के अनुरूप नहीं और 1 नमूना मानक पर खरा उतरा, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की अलग अलग टीमों ने उन दुकानों से दोबारा आठ नमूने लिए, जहां पर पहले जांच रिपोर्ट में लिए गए नमूने फेल हो गए थे. आठ प्रतिष्ठानों के दूध के सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरे हैं. इन सभी को नोटिस जारी किया गया है. इनमें टिकटॉक रेस्टोरेंट (सिंगारचौली), क्वालिटी मिल्क डेयरी (नेहरू नगर), भोपाल रेलवे स्टेशन, सांवरिया डेयरी (इतवारा), नेशनल डेयरी, नूरमहल डेयरी और देसी डेयरी (चाणक्यपुरी) शामिल हैं, इन प्रतिष्ठानों के मालिक को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धारा 46 के तहत नोटिस जारी किया गया है, भोपाल के साथ पूरे मध्य प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका के तहत भी केस दर्ज किए जा रहे हैं. 102 नमूनों की जांच रिपोर्ट आई 26 अगस्त तक भोपाल जिले में 411 नमूने लिए गए थे. मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि उनमें से 102 नमूनों की जांच की जा चुकी है. जांच में 37 नमने फेल हो गए. इन 37 मामलों में कारोबारियों को नोटिस भेजा गया है. आठ कारोबारियों के खिलाफ अलगअलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई और दो मावा कारोबारियों के खिलाफ रासुका में केस दर्ज किया गया. मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार वर्मा के मुताबिक, खाद्य विभाग लोगों की शिकायत के आधार पर भी कार्रवाई कर रहा है. विभाग का दावा है कि जनता से जुड़ी एक भी शिकायत पेंडिंग नहीं है. सभी की तत्काल जांच की जा रही है. प्रदेश में जहां भी कहीं से मिलावट की खबर मिलती है, खाद्य विभाग की टीम फौरन वहां कार्रवाई करती है.
दूध में डिटर्जेंट मिले होने की पुष्टि हुई है, 10 में 9 नमूने जांच में फेल