राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अगले साल अपना पहला 'आर्मी स्कूल' शुरू करेगा जिसमें सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
ये स्कूल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के शिकारपुर में बनाया जाएगा. जहां रज्जू भैया का 1922 में जन्म हुआ था.
इस स्कूल में छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्र होंगे. अप्रैल से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. इसमें सीबीएसई का सिलेबस पढ़ाया जाएगा. स्कूल के निर्माण का काम चल रहा है. अभी प्रयोग के तौर पर विद्या भारती की ओर से पहला सैनिक स्कूल खोला जा रहा है. इसमें सत्र 2020-21 से सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. चूंकि यह सैनिक स्कूल हैं तो इसमें छात्रों को सैनिक ट्रेनिंग की विशेष व्यवस्था होगी. इसके लिए सेना की सेवा कर चुके रिटायर्ड बहादुर सैन्यकर्मी उपलब्ध रहेंगे. स्कूल में छात्रावास की भी सुविधा रहेगी.
विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के संयोजक अजय गोयल का कहना है कि आर्मी स्कूल बनाने का ये हमारा पहला प्रयोग है. विद्या भारती देशभर में 20,000 से अधिक स्कूलों का संचालन कर रहा है.
पहले बैच का प्रॉस्पेक्टस लगभग तैयार है. जिसके बाद आवेदन मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. पहले बैच में कक्षा छठी के लिए 160 छात्रों का दाखिला किया जाएगा. शहीदों के बच्चों को "आरक्षण योजना" के तहत 56 सीटें मिलेंगी. सितंबर में रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स स्कूल के सुझाव के लिए बैठक करने वाले हैं. अजय गोयल ने कहा "देश भर में सेना के कई अधिकारी आरएसएस या संबद्ध संगठनों के संपर्क में हैं. एक सप्ताह के भीतर बैठक की तारीख को तय जाएगा".
पूर्व आर्मी मैन और किसान राजपाल सिंह ने इस स्कूल के निर्माण के लिए जमीन दान की थी. जिसका क्षेत्रफल 20,000 स्क्वेयर मीटर है. स्कूल के निर्माण का काम पिछले साल 24 अगस्त से शुरू हो गया था. अब ये भूमि राजपाल सिंह जनकल्याण सेवा समिति ट्रस्ट की संपत्ति है.